सेलाजिनेला ब्रायोप्टेरिस : संजीवनी बूटी





सेलाजिनेला ब्रायोप्टेरिस : संजीवनी बूटी


प्रकृति हमेशा से ही इंसान के लिए एक अद्भुत प्रयोगशाला रही है। पेड़-पौधे केवल हमारी सांसों को ही नहीं बल्कि हमारी सेहत और जीवन को भी संभालते हैं। प्रकृति की गोद में ऐसे अनेक पौधे छिपे हैं जो न केवल हमारी बीमारियाँ दूर करते हैं बल्कि जीवनदान देने की क्षमता भी रखते हैं। सेलाजिनेला ब्रायोप्टेरिस ऐसा ही एक अद्भुत पौधा है, जिसे लोग संजीवनी बूटी के नाम से जानते हैं। यह पौधा अपने अनोखे गुणों और औषधीय उपयोगों की वजह से आयुर्वेद और आधुनिक अनुसंधान दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र है।




संजीवनी बूटी क्या है?

परिचय:

वैज्ञानिक नाम: Selaginella Bryopteris
सामान्य नाम: संजीवनी बूटी, पुनर्जीवित पौधा (Resurrection Plant)
परिवार: Selaginellaceae
विशेषता: यह पौधा सूख जाने पर भी पानी मिलने से फिर से हरा-भरा हो जाता है। इसी कारण इसे "संजीवनी" कहा जाता है।
स्थान: भारत के पहाड़ी और शुष्क क्षेत्रों, खासकर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और हिमालय के कुछ हिस्सों में पाया जाता है।

सेलाजिनेला ब्रायोप्टेरिस एक छोटी, हरी-भरी, फर्न जैसी पत्तियों वाली झाड़ी होती है। यह ज़्यादातर पहाड़ी और चट्टानी इलाकों में पाई जाती है। इसकी सबसे खास बात है – यह पूरी तरह सूख जाने के बाद भी पानी मिलने पर फिर से हरी-भरी हो जाती है।
सेलाजिनेला ब्रायोप्टेरिस : संजीवनी बूटी

गुणधर्म (Properties)

एंटीऑक्सीडेंट गुण
एंटीबैक्टीरियल और एंटिफंगल प्रभाव
थकान और कमजोरी दूर करने की क्षमता
शरीर को ऊर्जावान बनाने वाला
रक्त शुद्धि करने वाला
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला
त्वचा को स्वस्थ रखने वाला
सूजन और दर्द कम करने वाला
मानसिक शांति प्रदान करने वाला
आयुर्वेद और लोक चिकित्सा में सेलाजिनेला ब्रायोप्टेरिस का उपयोग कई बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है।

संजीवनी बूटी के उपयोग:

1. शरीर की थकान और कमजोरी दूर करने में

2. इम्यूनिटी बढ़ाने में

3. डिप्रेशन और तनाव कम करने में

4. त्वचा संबंधी रोगों जैसे एलर्जी और खुजली में

5. घाव भरने में

6. बुखार और संक्रमण में

7. पाचन तंत्र सुधारने में

8. जुकाम और खांसी में

9. जोड़ों के दर्द में

10. ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में

11. हृदय को स्वस्थ रखने में

12. श्वसन संबंधी समस्याओं में

13. एंटी-एजिंग के रूप में

14. स्मरण शक्ति बढ़ाने में

15. लीवर की कार्यक्षमता सुधारने में

16. किडनी को स्वस्थ रखने में

17. मासिक धर्म की अनियमितता में

18. शरीर को हाइड्रेट रखने में

19. मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में

20. यौन शक्ति बढ़ाने में

आयुर्वेदिक नुस्ख़े और प्रयोग:

नोट: ये घरेलू उपाय हैं, किसी भी गंभीर बीमारी या लम्बे उपयोग से पहले चिकित्सक की सलाह लेना ज़रूरी है।

शरीर की कमजोरी दूर करने के लिए

1. संजीवनी बूटी का सूखा चूर्ण (1 चम्मच) शहद के साथ सुबह लें।

बुखार में

2. इसकी पत्तियों को उबालकर काढ़ा बनाएं और दिन में 2 बार पिएं।

जोड़ों के दर्द में

3. बूटी की पत्तियों को पीसकर लेप बनाएं और दर्द वाले स्थान पर लगाएँ।

त्वचा रोग में

4. संजीवनी की पत्तियों का रस निकालकर खुजली/फोड़े-फुंसियों पर लगाएँ।

खांसी-जुकाम में

5. पत्तियों को अदरक और काली मिर्च के साथ उबालकर काढ़ा लें।

मानसिक तनाव में

6. सूखे पत्तों का चूर्ण दूध के साथ लेने से मानसिक शांति मिलती है।

महिलाओं की समस्या में

7. मासिक धर्म अनियमितता में इसका चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लिया जाता है।

संजीवनी बूटी के नुकसान:

हर औषधीय पौधे की तरह इसके भी कुछ नुकसान और सावधानियाँ हैं:

अत्यधिक मात्रा लेने पर मतली और उल्टी हो सकती है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बिना चिकित्सक की सलाह के उपयोग नहीं करना चाहिए।
अधिक सेवन से लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
कुछ लोगों में एलर्जी की प्रतिक्रिया दे सकता है।
लगातार लंबे समय तक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।

निष्कर्ष:

सेलाजिनेला ब्रायोप्टेरिस यानी संजीवनी बूटी वास्तव में प्रकृति का चमत्कार है। यह न केवल शरीर को ऊर्जा देता है बल्कि कई बीमारियों में राहत भी पहुँचाता है। इसके औषधीय और पौराणिक महत्व ने इसे "संजीवनी बूटी" का दर्जा दिलाया है। आज के समय में हमें ऐसे दुर्लभ पौधों को बचाने और संरक्षित करने की ज़रूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसका लाभ उठा सकें। लेकिन याद रखें – किसी भी औषधीय पौधे की तरह, इसका प्रयोग सीमित मात्रा में और विशेषज्ञ की सलाह से ही करना चाहिए।

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